केंद्रीय कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने कहा है कि वह 30 जून तक सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप देंगे। इसके बाद इसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा जाएगा।

सिन्हा ने यह बात 'इंडियन पब्लिक इम्पलाइज फेडरेशन' के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा और महामंत्री प्रेम चंद्र के नेतृत्व में दिल्ली जाकर मिले एक प्रतिनिधिमंडल से वार्ता में कही। वीपी मिश्रा के मुताबिक, कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने कहा है कि मई में ही सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट वे केंद्र सरकार को सौंप देते, लेकिन संसद सत्र चलने के कारण ऐसा नहीं कर पाए। 

खास बात यह है कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी की जिम्मेदारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की कमियों को दूर करके सरकार को रिपोर्ट सौंपना है। यह रिपोर्ट अभी तक नहीं सौंपी जा सकी है। इस रिपोर्ट में हो रही देरी को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की थी।

दिल्ली से लौटकर फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिश्र ने लखनऊ में बताया कि फेडरेशन की मांग पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में कई कमियों को सुधारकर रिपोर्ट देने का आश्वासन दिया है। जैसे न्यूनतम वेतन की सीमा बढ़ाई जा सकती है। नियमित पदों पर आउटसोर्सिंग के बजाए नियमित भर्ती का रास्ता खोला जा सकता है। पुरानी पेंशन के स्थान पर लागू की गई नई पेंशन योजना को कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन से ज्यादा सुविधाजनक बनाने की बात है।


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